Monday, July 25, 2011

साहस....


आज फिर मैं सुबह के जागने से पहले उठा,
और सूरज से पहले घर से निकल गया  
सफ़र लम्बा है और
मंजिलों तक के फ़ासले जो तय करने हैं |
राहें पथरीली और उबड़ खाबड़ भी हैं तो क्या ?
चाँद पर घर बनाना है तो,
रास्ते में गड्ढे तो मिलेंगे ही !!
चुनौतियाँ भी बरसती रहेंगी ,
पर थकना नहीं है,
हार कर रुकना नहीं है,
बस आँखों में सपने , चेहरे पर मुस्कान
और हाथ में साहस लिए चलते जाना है |
 
तारे शायद सो चुके हैं
आहटें सुनाई नहीं पड़ती ,
पर मुझे अभी जागना है
कल की तैयारी करनी है ,
फिर सफ़र पर जो निकलना है ,
फिर फ़ासले कम करने हैं.......

Tuesday, July 19, 2011

तुम्हीं से सुबहें तुम्हीं से शामें ....



तुम्हीं से सुबहें, तुम्हीं से शामें,
हर एक लम्हा, तुम्हारी बातें,
हैं साथ मेरे, हर एक पल में
तुम्हारी यादें, तुम्हारी बातें I

मेरी निगाहों में तेरा चेहरा,
ये दिल और धड़कन हैं संग जैसे,
तू संग चलता है ऐसे मेरे,
है चलता ये आसमाँ संग जैसे I

हूँ भीगा मैं ऐसे तेरी खुश्बुओं से,
हो बादल कोई डूबा बूँदों में जैसे,
यूँ छाया तेरा इश्क़ है मेरे दिल पे,
हो सिमटी कोई झील धुन्धों में जैसे I

तुझ ही में पाया मैंने ख़ुदा को,
ख़ुदा से माँगूँ अपने ख़ुदा को...
ख़ुदा से माँगूँ अपने ख़ुदा को...